मणिपुर से हाल ही में एक महत्वपूर्ण खबर आई है, जहां केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया है। यह निर्णय 9 फरवरी को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद लिया गया, जब विपक्ष ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बनाई थी। मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति की प्रक्रिया में देरी हो रही थी, जिसके चलते गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति शासन की अधिसूचना जारी की।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का कारण
मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच बढ़ती हिंसा और कानून-व्यवस्था की गंभीर स्थिति ने इस निर्णय को मजबूर किया। एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद, बीजेपी नेताओं की बैठकें नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए चल रही थीं, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई।
संविधानिक प्रावधान
राष्ट्रपति शासन लगाने का निर्णय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत लिया गया है। यह तब लागू होता है जब राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों के अनुसार कार्य करने में असमर्थ होती है। राष्ट्रपति शासन लागू होने पर राज्य सरकार के सभी कार्य केंद्र सरकार द्वारा संभाले जाते हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
अब मणिपुर में राजनीतिक स्थिति स्थिर करने और नए नेतृत्व को स्थापित करने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति शासन दो महीने तक लागू रह सकता है, लेकिन इसे बढ़ाने के लिए संसद से मंजूरी लेनी होगी।
FAQs
- मणिपुर में राष्ट्रपति शासन कब लागू हुआ?
राष्ट्रपति शासन 13 फरवरी 2025 को लागू किया गया, जब मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया। - राष्ट्रपति शासन का क्या अर्थ है?
राष्ट्रपति शासन का अर्थ है कि राज्य सरकार के सभी कार्य केंद्र सरकार द्वारा संचालित किए जाएंगे, जब राज्य सरकार संविधान के अनुसार कार्य नहीं कर सकती। - राष्ट्रपति शासन कितने समय तक लागू रह सकता है?
राष्ट्रपति शासन अधिकतम दो महीने तक लागू रह सकता है, लेकिन इसे बढ़ाने के लिए संसद से मंजूरी आवश्यक होती है।