उत्तर प्रदेश सरकार आगामी कैबिनेट बैठक में आबकारी विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है। सरकार नई आबकारी नीति की दिशा में कदम बढ़ा रही है, जिसमें मुख्य रूप से लाइसेंसों के नवीनीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
नई आबकारी नीति की विशेषताएं
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रस्तावित नई आबकारी नीति में शराब व्यापारियों को बड़ी राहत देने का निर्णय लिया है। इस नीति के अंतर्गत, मौजूदा लाइसेंसों के नवीनीकरण को मंजूरी दी जाएगी, जिससे व्यापारियों को अपना व्यवसाय बिना किसी समस्या के जारी रखने में सहायता मिलेगी।
पुरानी नीति में संभावित बदलाव
विभाग ने पहले ई-टेंडरिंग के माध्यम से लाइसेंसों को नवीनीकृत करने की योजना बनाई थी, लेकिन नई नीति की देरी के कारण पुरानी नीति में थोड़े बदलावों के साथ इसे पुनः लागू किया जा सकता है। इससे शराब की कीमतें बढ़ सकती हैं और अवैध शराब बिक्री पर कड़े दंड लगाए जा सकते हैं।
आबकारी विभाग का राजस्व योगदान
इस वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग ने 29,000 शराब की फुटकर दुकानों को लाइसेंस जारी किया है, जिसमें अंग्रेजी, देशी और बीयर की दुकानें शामिल हैं। विभाग ने इस वर्ष 4439 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया है और अब तक 3900 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली हो चुकी है, जो सरकार के लिए एक बड़ा योगदान है।
FAQ
1. नई आबकारी नीति कब लागू होगी?
नई आबकारी नीति की घोषणा आगामी कैबिनेट बैठक में की जा सकती है, लेकिन इसकी औपचारिक तिथि अभी तय नहीं हुई है।
2. क्या पुरानी नीति में कोई बदलाव होगा?
हाँ, पुरानी नीति में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं, खासकर लाइसेंस नवीनीकरण प्रक्रिया में।
3. आबकारी विभाग का राजस्व लक्ष्य क्या है?
इस वित्तीय वर्ष में आबकारी विभाग का राजस्व लक्ष्य 4439 करोड़ रुपये है, जिसमें से 3900 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है।