भारत के सबसे मुश्किल नाम वाले रेलवे स्टेशन का नाम! पढ़े लिखे भी धोखा खा जाएंगे!

भारत में रेलवे नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है, जिसमें हजारों रेलवे स्टेशन शामिल हैं। इन स्टेशनों के नाम ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विशेषताओं को दर्शाते हैं। कुछ स्टेशन के नाम छोटे और सरल होते हैं, जबकि कुछ के नाम इतने लंबे होते हैं कि उन्हें बोलना और याद रखना मुश्किल होता है।

आसान और छोटे रेलवे स्टेशन के नाम

कई रेलवे स्टेशनों के नाम छोटे और स्पष्ट होते हैं, जैसे दिल्लीपटनाजयपुर, और भोपाल। ये नाम बोलने में आसान हैं और आम लोग इन्हें जल्दी याद कर सकते हैं।

कठिन और लंबे रेलवे स्टेशन के नाम

भारत में कुछ रेलवे स्टेशनों के नाम इतने लंबे होते हैं कि उन्हें बोलने में दिक्कत होती है। भारत का सबसे लंबा नाम वाला रेलवे स्टेशन है ‘पुराच्ची थलाइवर डॉ. एम.जी. रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन’ (Puratchi Thalaivar Dr. M.G. Ramachandran Central Railway Station) चेन्नई। इस स्टेशन का नाम 57 अक्षरों का है, जो इसे देश का सबसे लंबा नाम वाला रेलवे स्टेशन बनाता है।

पहले का नाम

इस स्टेशन को पहले चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था, जो बोलने और लिखने में आसान था। बाद में इसे बदलकर एम.जी. रामचंद्रन के नाम पर रखा गया, जो तमिलनाडु के एक प्रतिष्ठित नेता थे।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

इससे पहले, इस स्टेशन को मद्रास सेंट्रल रेलवे स्टेशन कहा जाता था, जो ब्रिटिश काल में रखा गया था। 1996 में मद्रास शहर का नाम बदलकर चेन्नई कर दिया गया, जिसके बाद रेलवे स्टेशन का नाम भी बदल दिया गया।

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नाम बदलने का कारण

एम.जी. रामचंद्रन की तमिलनाडु की राजनीति और संस्कृति में महत्वपूर्ण भूमिका थी। उनकी स्मृति में चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘पुराच्ची थलाइवर डॉ. एम.जी. रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन’ कर दिया गया।

क्या यह नाम बोलने में मुश्किल है?

यह नाम इतना बड़ा और कठिन है कि आम लोगों के लिए इसे बोलना और याद रखना आसान नहीं है। लोग इसे छोटा करके ‘एमजीआर सेंट्रल’ या ‘चेन्नई सेंट्रल’ कहकर बुलाते हैं।

क्या भारत में और भी लंबे नाम वाले रेलवे स्टेशन हैं?

भारत में कुछ अन्य लंबे नाम वाले रेलवे स्टेशन भी हैं, जैसे:

  • वेंकटनरसिम्हाराजुवारिपेट (Venkatanarasimharajuvaripeta) – 28 अक्षर
  • करगुप्पे (Krishnarajapuram) – बड़ा लेकिन एमजीआर सेंट्रल जितना लंबा नहीं।

रेलवे स्टेशन के नाम का महत्व

रेलवे स्टेशनों के नाम केवल पहचान के लिए नहीं होते, बल्कि वे उस स्थान की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को भी दर्शाते हैं। किसी भी स्टेशन का नाम उस क्षेत्र की प्रसिद्ध हस्तियों या ऐतिहासिक घटनाओं से प्रभावित हो सकता है।

भविष्य में स्टेशनों के नाम बदलने की संभावना

भारत में रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने की प्रक्रिया लगातार जारी है। कई शहरों और स्टेशनों के नाम ऐतिहासिक और राजनीतिक कारणों से बदले गए हैं, और आगे भी बदलाव संभव हैं।

FAQs

1. भारत का सबसे लंबा नाम वाला रेलवे स्टेशन कौन सा है?
भारत का सबसे लंबा नाम वाला रेलवे स्टेशन ‘पुराच्ची थलाइवर डॉ. एम.जी. रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन’ है।

2. इस रेलवे स्टेशन का पहले क्या नाम था?
इसका पहले चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन और उससे पहले मद्रास सेंट्रल रेलवे स्टेशन था।

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3. क्या भारत में अन्य लंबे नाम वाले रेलवे स्टेशन भी हैं?
हाँ, जैसे वेंकटनरसिम्हाराजुवारिपेट और करगुप्पे जैसे कुछ अन्य लंबे नाम वाले रेलवे स्टेशन भी हैं।

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