मनरेगा योजना का बड़ा ऐलान! अब पशु पालकों को मिलेगा शेड बनाने का मौका

पशुपालन हरियाणा और पूरे भारत में ग्रामीण आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थायी आधार प्रदान करता है। इस क्षेत्र में युवाओं और किसानों की रुचि बढ़ रही है, जिससे ग्रामीण रोजगार (rural employment) के अवसर भी बढ़ रहे हैं।

मनरेगा के तहत पशु शेड निर्माण की सुविधा
हालांकि, पशुपालन में शेड निर्माण एक महंगा कार्य है, जिससे कई किसान इसे बनाने में असमर्थ रहते हैं। अब महात्मा गांधी नरेगा (MGNREGA) योजना के अंतर्गत वर्ग ‘बी’ के तहत पशुपालन के लिए विभिन्न शेड का निर्माण बजट के अनुसार किया जा रहा है।

राजस्थान की नई पहल
राजस्थान के जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री, बाबूलाल खराड़ी ने विधानसभा में घोषणा की कि प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (Prime Minister’s Tribal Upliftment Village Campaign) के तहत पशुपालन के लिए विशेष अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना फॉरेस्ट राइट एक्ट के अंतर्गत जनजाति वर्ग के पट्टा धारकों को विशेष रूप से लाभान्वित करेगी।

जनजाति क्षेत्र में अनुदान की अनुपस्थिति
विधायक गोपीचंद मीणा के प्रश्न का उत्तर देते हुए खराड़ी ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में जनजाति वर्ग के पशुपालकों के लिए कोई विशेष योजना नहीं है, लेकिन सरकार प्रस्तावित योजनाओं के माध्यम से इस क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। यह विकास न केवल पशुपालन को प्रोत्साहित करेगा बल्कि जनजाति वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार भी लाएगा।

FAQs

  1. मनरेगा पशु शेड योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
    यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को बढ़ावा देने और पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का उद्देश्य रखती है।
  2. राजस्थान में पशुपालन के लिए कौन सी नई पहल की गई है?
    राजस्थान सरकार ने प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत विशेष अनुदान की घोषणा की है।
  3. क्या जनजाति वर्ग के पशुपालकों के लिए कोई विशेष योजना उपलब्ध है?
    वर्तमान में कोई विशेष योजना नहीं है, लेकिन सरकार प्रस्तावित योजनाओं से इस क्षेत्र का विकास करने की योजना बना रही है।

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